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राज्य का पहला एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र का उद्घाटन नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल करेंगे

बिलासपुर । राज्य का पहला एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र बिलासपुर में तय वक्त से 10 माह पहले ही बन कर पूरा हो गया है। इसका उद्घाटन नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल करेंगे।

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इस परियोजना की सबसे ख़ास बात यह है कि यह पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्ट्नरशिप) मोड़ पर क्रियान्वित की गयी है अर्थात 35 करोड़ रु के इस संयंत्र की स्थापना में नगर पालिक निगम बिलासपुर अथवा राज्य शासन द्वारा राशि का निवेश नहीं किया गया है अपितु संपूर्ण निवेश पीपीपी पार्ट्नर Delhi MSW Solutions Limited द्वारा किया गया है। यह राज्य का इस प्रकार का प्रथम प्रोजेक्ट होगा जिसका लोकार्पण किया जा रहा है।

इस संयंत्र में गीले कचरे से कॉम्पोस्ट (खाद) और सूखे कचरे से RDF (Refuse Derived Fuel) का उत्पादन किया जाएगा। RDF को सिमेंट प्लांटों में वैकल्पिक ईंधन के रूप में उपयोग में लाया जाएगा। इस संयंत्र की क्षमता 200 टन प्रतिदिन की है। भविष्य में कचरे की मात्रा बढ़ने पर इसे Waste to Energy प्लांट में परिवर्तित कर बिजली का उत्पादन किए जाने का विकल्प उपलब्ध रहेगा।

इस परियोजना अंतर्गत नगर निगम बिलासपुर द्वारा प्रतिदिन हर घर, दुकान एवं प्रतिष्ठान से औसतन 180 कचरा उठाया जा रहा है। नगर निगम द्वारा डेढ़ लाख से अधिक डस्टबीन भी शहरवासियों को निशुल्क वितरित की जा चुकी हैं।

हाल ही में हुए स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 में बिलासपुर ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए देश के 4203 शहरों में 22वाँ स्थान प्राप्त किया था। अटल विकास यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह द्वारा प्रदेश की पहली GIS Based Manual and Mechanised Sweeping परियोजना का शुभारंभ भी किया था। उस परियोजना की लागत कुल 58 करोड़ रु है।

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बिलासपुर । राज्य का पहला एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र बिलासपुर में तय वक्त से 10 माह पहले ही बन कर पूरा हो गया है। इसका उद्घाटन नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल करेंगे।

इस परियोजना की सबसे ख़ास बात यह है कि यह पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्ट्नरशिप) मोड़ पर क्रियान्वित की गयी है अर्थात 35 करोड़ रु के इस संयंत्र की स्थापना में नगर पालिक निगम बिलासपुर अथवा राज्य शासन द्वारा राशि का निवेश नहीं किया गया है अपितु संपूर्ण निवेश पीपीपी पार्ट्नर Delhi MSW Solutions Limited द्वारा किया गया है। यह राज्य का इस प्रकार का प्रथम प्रोजेक्ट होगा जिसका लोकार्पण किया जा रहा है।

इस संयंत्र में गीले कचरे से कॉम्पोस्ट (खाद) और सूखे कचरे से RDF (Refuse Derived Fuel) का उत्पादन किया जाएगा। RDF को सिमेंट प्लांटों में वैकल्पिक ईंधन के रूप में उपयोग में लाया जाएगा। इस संयंत्र की क्षमता 200 टन प्रतिदिन की है। भविष्य में कचरे की मात्रा बढ़ने पर इसे Waste to Energy प्लांट में परिवर्तित कर बिजली का उत्पादन किए जाने का विकल्प उपलब्ध रहेगा।

इस परियोजना अंतर्गत नगर निगम बिलासपुर द्वारा प्रतिदिन हर घर, दुकान एवं प्रतिष्ठान से औसतन 180 कचरा उठाया जा रहा है। नगर निगम द्वारा डेढ़ लाख से अधिक डस्टबीन भी शहरवासियों को निशुल्क वितरित की जा चुकी हैं।

हाल ही में हुए स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 में बिलासपुर ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए देश के 4203 शहरों में 22वाँ स्थान प्राप्त किया था। अटल विकास यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह द्वारा प्रदेश की पहली GIS Based Manual and Mechanised Sweeping परियोजना का शुभारंभ भी किया था। उस परियोजना की लागत कुल 58 करोड़ रु है।