बिलासपुर।पूर्व में अवैध 26 कलोनाइजर्स द्वारा बनाए गए 48 कालोनियों को निगम द्वारा रविवार को हस्तांतरण समारोह आयोजित कर हैंडओवर लिया गया। अब इन कालोनी वासियों को निगम की सभी सुविधाओं का लाभ मिलेगा।कालोनी हस्तांतरण समारोह के मुख्य अतिथि नगरीय निकाय मंत्री अमर अग्रवाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि शहर तेजी से बढ़ रहा है। कुछ वर्षां के अंदर ही यहां बहुत सी नए कालोनियां बनी। 2003 में कालोनियों के नियमितिकरण के जो कानून बनाए गए थे, उसमंे कुछ खामियां थी। इससे अधिकांश कालोनी नियमित नहीं किए जा सके। इसके चलते इन कालोनी वासियों को पानी, बिजली, सड़क, सफाई, बिल्डिंग परमिशन आदि निगम की सुविधाएं नहीं मिलती थी।इसके बाद 2016 में नए कालोनी नियमितिकरण के नए कानून बनाए गए, जिसमें अवैध कालोनियों को वैध करने सभी नियम शिथिल किए गए। इसके तहत शहर के 10 हजार लोगों ने आवेदन किया, जिसमें 80 प्रतिशत आवेदनों का निराकरण हो गया है, शेष बचे आवेदनों का भी जल्द निराकरण कर लिया जाएगा। श्री अग्रवाल ने कहा कि देश के 100 स्मार्ट सिटी में बिलासपुर भी शामिल है और जब स्मार्ट सिटी की घोषणा हुई तो टॉप प्रायर्टी में शहर के इन 48 कालोनियों को हैंडओवर लेने के कार्यों पर ध्यान दिया गया।
अब इन कालोनियों को निगम की सभी सुविधाओं का लाभ मिलेगा। श्री अग्रवाल ने कहा कि शहर बढ़ता है तो नागरिकों को सुविधा मुहैया कराने चुनौतियां भी बढ़ती है। पूरे देश में सबसे बड़ी चुनौती वर्तमान में कचरे निबटान है। इसे देखते हुए डोर टू डोर कलेक्शन मिशन क्लीन सिटी प्रदेश के सभी निकायों में शुरू किया गया। इसी का ही नतीजा रहा है कि इस मॉडल को पूरा देश में शुरू किया गया और स्वच्छता सर्वेक्षण में देश में प्रदेश तीसरा और 4302 शहरों में बिलासपुर 22 वां स्थान पर रहा।
उन्होंने कहा कि कछार में आरडीएक्स प्लांट आने वाले 15 दिनों में बन जाएगा। इसके बाद यहां सूखे कचरे से इंधन बनाने और गिले कचरे से खाद् बनाने कार्य शुरू हो जाएगा। इसी तरह शहर के सड़कों की सफाई मैकेनिजम सिस्टम से होगा। इसके बाद स्वच्छता की श्रेणी में शहर 22वां स्थान से उठकर कही और स्थान में नजर आएगा। इसी तरह ट्रैफिक व्यवस्था भी एक चुनौती है। इसके लिए स्मार्ट सिटी प्लान में इंटेलिजेंस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) और कमांड सेंटर को शामिल किया गया है। जल्द ही दोनों का कार्य शुरू होगा। इसमें एक कमरे से ही यातायात, बिजली, पानी व ट्रांसपोर्ट को कंट्रोल किया जा सकेगा।