Homeछत्तीसगढ़राष्ट्रपति के लिए चित्रकोट में लहराएगा तिरंगा,

राष्ट्रपति के लिए चित्रकोट में लहराएगा तिरंगा,

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रायपुर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के छत्तीसगढ़ दौरे से पहले चित्रकोट जलप्रपात में तिरंगा लहराएगा। उनके आने से पहले मुंबई की कंपनी रिहर्सल करने वाली है।

राष्ट्रपति समन्वित कृषि प्रणाली मॉडल के अवलोकन के दौरान देश के प्रथम नागरिक दंपत्ति आदिवासी युवति चंपा की ई रिक्शा की सवारी भी करेंगे। वही सीएम डॉ. रमन सिंह सविता के ई-रिक्शे पर सवार होगें। मॉडल के अवलोकन के दौरान उनको तीखुर की बर्फी, रागी के लड्डू और नारियल पानी पिलाया जाएगा। राष्ट्रपति को यह स्वल्पाहार संगीता और वसंती कराएगी। इसके बाद आस्था विद्यामंदिर में स्मार्ट क्लास के बच्चे राष्ट्रपति से चर्चा करेंगे। छात्रा संध्या को राष्ट्रपति के सामने बोलने के लिए 3 मिनट का समय दिया गया है। आस्था विद्या मंदिर में बच्चे अपने मन में उपजे सवालों को भी पूछेगें।

चित्रकोट में राष्ट्रपति के लिए खास लेजर शो का आयोजन किया जाएगा। मुंबई की कंपनी लेजर लाइट शो का आयोजन करेगी। इसमें तिरंगे की आकृति बनाई जाएगी। उधर, राष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए बारसूर से दंतेवाड़ा को छावनी में बदल दिया गया है। सुरक्षा की जिम्मेदारी आईजी हिमांशु गुप्ता और पीएचक्यू से आए दो डीआईजी पर है। पांच हजार से अधिक जवानों की तैनाती की गई है। राज्य भर के कई जिलों से फोर्स दंतेवाड़ा में पहुंच चुकी है। इन जवानों की तैनाती के साथ आसमां से ड्रोन भी निगरानी करेगें।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्वागत बस्तरिया अंदाज में किया जाएगा। हीरानार कड़कनाथ हब में स्वागत करने के लिए कमलानाग,बुटकी कश्यप, राधा काश्यप और सुंदरी कश्यप को जिम्मेदारी सौंपी गई है। स्वागत करने वाली युवतियां बस्तरिया लिबास में रहेंगी।

प्रवास के दूसरे दिन गुरुवार को वे हैलीपड से सीधे हीरानार समन्वित कृषि प्रणाली मॉडल के लिए रवाना होगें। इसके बाद हीरानार शिशु मंदिर में लंच करेगें। यहां उनके लिए बस्तर के फुटू सब्जी का इंतजाम किया जा रहा है। इसके अलावा बदशाह भोग चावल की खीर, पंच दाल, अरहर दाल, परवल, बरबट्टी आलू के साथ लोक्टी मांछी चावल और चपाती की व्यवस्था होगी। सेव और पपीता का सेवन करेंगे। इस कार्यक्रम के बाद वे दंतेश्वरी माता के दर्शन करने जाएंगे। दर्शन और पूजा अर्चना के बाद सर्किट हाउस में एक घंटे विश्राम करेंगे। यहां से गीदम सक्षम में दिव्यांग बच्चों से मिलेगें। आस्था विद्यामंदिर में नक्सल हिंसा पीडि़त बच्चों से मिलेगे।

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रायपुर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के छत्तीसगढ़ दौरे से पहले चित्रकोट जलप्रपात में तिरंगा लहराएगा। उनके आने से पहले मुंबई की कंपनी रिहर्सल करने वाली है।

राष्ट्रपति समन्वित कृषि प्रणाली मॉडल के अवलोकन के दौरान देश के प्रथम नागरिक दंपत्ति आदिवासी युवति चंपा की ई रिक्शा की सवारी भी करेंगे। वही सीएम डॉ. रमन सिंह सविता के ई-रिक्शे पर सवार होगें। मॉडल के अवलोकन के दौरान उनको तीखुर की बर्फी, रागी के लड्डू और नारियल पानी पिलाया जाएगा। राष्ट्रपति को यह स्वल्पाहार संगीता और वसंती कराएगी। इसके बाद आस्था विद्यामंदिर में स्मार्ट क्लास के बच्चे राष्ट्रपति से चर्चा करेंगे। छात्रा संध्या को राष्ट्रपति के सामने बोलने के लिए 3 मिनट का समय दिया गया है। आस्था विद्या मंदिर में बच्चे अपने मन में उपजे सवालों को भी पूछेगें।

चित्रकोट में राष्ट्रपति के लिए खास लेजर शो का आयोजन किया जाएगा। मुंबई की कंपनी लेजर लाइट शो का आयोजन करेगी। इसमें तिरंगे की आकृति बनाई जाएगी। उधर, राष्ट्रपति के दौरे को देखते हुए बारसूर से दंतेवाड़ा को छावनी में बदल दिया गया है। सुरक्षा की जिम्मेदारी आईजी हिमांशु गुप्ता और पीएचक्यू से आए दो डीआईजी पर है। पांच हजार से अधिक जवानों की तैनाती की गई है। राज्य भर के कई जिलों से फोर्स दंतेवाड़ा में पहुंच चुकी है। इन जवानों की तैनाती के साथ आसमां से ड्रोन भी निगरानी करेगें।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्वागत बस्तरिया अंदाज में किया जाएगा। हीरानार कड़कनाथ हब में स्वागत करने के लिए कमलानाग,बुटकी कश्यप, राधा काश्यप और सुंदरी कश्यप को जिम्मेदारी सौंपी गई है। स्वागत करने वाली युवतियां बस्तरिया लिबास में रहेंगी।

प्रवास के दूसरे दिन गुरुवार को वे हैलीपड से सीधे हीरानार समन्वित कृषि प्रणाली मॉडल के लिए रवाना होगें। इसके बाद हीरानार शिशु मंदिर में लंच करेगें। यहां उनके लिए बस्तर के फुटू सब्जी का इंतजाम किया जा रहा है। इसके अलावा बदशाह भोग चावल की खीर, पंच दाल, अरहर दाल, परवल, बरबट्टी आलू के साथ लोक्टी मांछी चावल और चपाती की व्यवस्था होगी। सेव और पपीता का सेवन करेंगे। इस कार्यक्रम के बाद वे दंतेश्वरी माता के दर्शन करने जाएंगे। दर्शन और पूजा अर्चना के बाद सर्किट हाउस में एक घंटे विश्राम करेंगे। यहां से गीदम सक्षम में दिव्यांग बच्चों से मिलेगें। आस्था विद्यामंदिर में नक्सल हिंसा पीडि़त बच्चों से मिलेगे।

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