रायपुर । जायसवाल नेको इंडस्ट्रीज बैंकों का लोन वक़्त पर चुका नहीं पाने की वजह से दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुके है। नेको जायसवाल की 101 करोड़ की संपत्ति अब प्रवर्तन निदेशालय ने जब्त कर ली है। नेको पर ED की ये कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत की गई है। कोल ब्लॉक आवंटन धोखाधड़ी मामले सीबीआई की दर्ज FIR के बाद ED ने अब अपनी जांच शुरू की है। इस मामले में नेको पर दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में 406, 120 बी के तहत चार्ज शीट दाखिल किया जा चुका है। रायगढ़ के गारे पाल्मा कोल ब्लॉक को नेको ने गलत तरीके से हांसिल किया था। यही नहीं कम्पनी ने अपने कैप्टिव पावर प्लांट में बिना अनुमति के कोयला खनन कर अवैध उपयोग किया था। नेको ने 2006 से 2015 के बीच गारे पाल्मा कोल ब्लॉक से 3.8 मिलियन टन कोयला निकाला था और कोयले का इस्तेमाल आने पॉवर एंड स्टील प्लांट के लिए किया था। यहीं नहीं इस दौरान शेयर बाजार से कम्पनी ने करीब 1400 करोड़ रुपये भी जमा किये। इन पैसों का इस्तेमाल नेको ने कम्पनी के विस्तार के साथ अन्य संसाधन की खरीदी में किया। ED ने इस दौरान कमाए 101 करोड़ की सम्पति जो दर्ज की है, उसमे रायपुर स्थित आफिस सहित, स्टील यूनिट की 80 करोड़ की संपत्ति और बिलासपुर में स्टील यूनिट की 21 करोड़ की संपत्ति जब्त की है।