Homeछत्तीसगढ़रेरा आज से लागू, रेडार पर रहेगा रियल इस्टेट कारोबार

रेरा आज से लागू, रेडार पर रहेगा रियल इस्टेट कारोबार

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रायपुर। रेरा में बिना पंजीयन कराए प्रॉपर्टी बेचने की कोशिश की तो उस पर कड़ी कार्रवाई होगी। दरअसल शुक्रवार एक जून से प्रदेश में रेरा पूर तरह से कानून लागू हो गया। रेरा द्वारा पहले से ही रियल इस्टेट कारोबारियों को इसकी चेतावनी दी जा चुकी है कि एक जून से उनका कोई गलत काम नहीं चलेगा। रेरा के नियमों को उन्हें मानना ही होगा।

मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार देर रात करीब 600 प्रोजेक्ट तथा 189 रियल इस्टेट कारोबारियों का पंजीयन हुआ है। गौरतलब है कि रेरा कानून उपभोक्ताओं के हितों के लिए बनाया गया है तथा बिना इसमें पंजीयन के कोई भी अपना प्रोजेक्ट नहीं बेच सकता। गुरुवार 31 मई को रेरा में पंजीयन की आखिरी तारीख थी।

पंजीयन के लिए देर रात तक जमा हुए आवेदन : रजिस्ट्रार रेरा अजय अग्रवाल ने बताया कि आखिरी दिन होने के कारण विभाग में रियल इस्टेट कारोबारियों की थोड़ी भीड़ भी रही। अपने प्रोजेक्ट के साथ ही अपनी कंपनी का भी पंजीयन कराने के लिए आॅफिस में जबरदस्त भीड़ रही। रेरा की सख्ती को देखते हुए कारोबारी यह समझ गए थे कि बिना पंजीयन के उनका काम नहीं चलने वाला, इसलिए किसी भी प्रकार से पंजीयन कराना ही सही रहेगा। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार सुबह आॅफिस खुलने के बाद से ही पंजीयन के लिए लोगों का आना-जाना लगा रहा।

बाहर हो गए 40 फीसद बिल्डर : रेरा कानून की वजह से रियल इस्टेट सेक्टर में जबरन प्रवेश किए हुए करीब 40 फीसद कारोबारी बाहर हो गए हैं। बताया जा रहा है कि ये कारोबारी लोहा, कपड़ा आदि कारोबार से भी जुड़े हुए हैं तथा पिछले दिनों रियल इस्टेट में लोगों के रुझान को देखते हुए इस क्षेत्र में आ गए थे। अब रेरा के आ जाने से ये इस सेक्टर से बाहर हो गए हैं।

अब यह होगा फायदा

1. उपभोक्ताओं को समय पर मिलेंगे मकान।

2. बिना उपभोक्ता की अनुमति के ब्रोशर में भी बदलाव नहीं हो सकता।

3. अपने पूरे प्रोजेक्ट के साथ ही प्रत्येक फेस के लिए अलग रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

4. बिना रेरा में रजिस्ट्रेशन कराए कोई भी बिल्डर प्लॉट,फ्लैट या भवन नहीं बेच सकता।

5. ऐसे प्रोजेक्ट जिनका प्रस्तावित एरिया 500 वर्गमीटर या दुकान 8 से अधिक है। उनका रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।

6. उपभोक्ता को दिए गए समय के अनुसार ही काम पूरे करने होंगे।

7. प्रोजेक्ट के लिए ली गई राशि का 70 प्रतिशत अलग बैंक खाते में करना होगा तथा उसी उद्देश्य में व्यय करना होगा।

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रायपुर। रेरा में बिना पंजीयन कराए प्रॉपर्टी बेचने की कोशिश की तो उस पर कड़ी कार्रवाई होगी। दरअसल शुक्रवार एक जून से प्रदेश में रेरा पूर तरह से कानून लागू हो गया। रेरा द्वारा पहले से ही रियल इस्टेट कारोबारियों को इसकी चेतावनी दी जा चुकी है कि एक जून से उनका कोई गलत काम नहीं चलेगा। रेरा के नियमों को उन्हें मानना ही होगा।

मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार देर रात करीब 600 प्रोजेक्ट तथा 189 रियल इस्टेट कारोबारियों का पंजीयन हुआ है। गौरतलब है कि रेरा कानून उपभोक्ताओं के हितों के लिए बनाया गया है तथा बिना इसमें पंजीयन के कोई भी अपना प्रोजेक्ट नहीं बेच सकता। गुरुवार 31 मई को रेरा में पंजीयन की आखिरी तारीख थी।

पंजीयन के लिए देर रात तक जमा हुए आवेदन : रजिस्ट्रार रेरा अजय अग्रवाल ने बताया कि आखिरी दिन होने के कारण विभाग में रियल इस्टेट कारोबारियों की थोड़ी भीड़ भी रही। अपने प्रोजेक्ट के साथ ही अपनी कंपनी का भी पंजीयन कराने के लिए आॅफिस में जबरदस्त भीड़ रही। रेरा की सख्ती को देखते हुए कारोबारी यह समझ गए थे कि बिना पंजीयन के उनका काम नहीं चलने वाला, इसलिए किसी भी प्रकार से पंजीयन कराना ही सही रहेगा। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार सुबह आॅफिस खुलने के बाद से ही पंजीयन के लिए लोगों का आना-जाना लगा रहा।

बाहर हो गए 40 फीसद बिल्डर : रेरा कानून की वजह से रियल इस्टेट सेक्टर में जबरन प्रवेश किए हुए करीब 40 फीसद कारोबारी बाहर हो गए हैं। बताया जा रहा है कि ये कारोबारी लोहा, कपड़ा आदि कारोबार से भी जुड़े हुए हैं तथा पिछले दिनों रियल इस्टेट में लोगों के रुझान को देखते हुए इस क्षेत्र में आ गए थे। अब रेरा के आ जाने से ये इस सेक्टर से बाहर हो गए हैं।

अब यह होगा फायदा

1. उपभोक्ताओं को समय पर मिलेंगे मकान।

2. बिना उपभोक्ता की अनुमति के ब्रोशर में भी बदलाव नहीं हो सकता।

3. अपने पूरे प्रोजेक्ट के साथ ही प्रत्येक फेस के लिए अलग रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

4. बिना रेरा में रजिस्ट्रेशन कराए कोई भी बिल्डर प्लॉट,फ्लैट या भवन नहीं बेच सकता।

5. ऐसे प्रोजेक्ट जिनका प्रस्तावित एरिया 500 वर्गमीटर या दुकान 8 से अधिक है। उनका रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।

6. उपभोक्ता को दिए गए समय के अनुसार ही काम पूरे करने होंगे।

7. प्रोजेक्ट के लिए ली गई राशि का 70 प्रतिशत अलग बैंक खाते में करना होगा तथा उसी उद्देश्य में व्यय करना होगा।

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