रायपुर ।बदलते वक्त के साथ अपराध के तरीके बदले हैं… अपराधियों की आधुनिकता बढ़ी है और वारदात की तकनीक बदली है….! लिहाजा उन बदली परिस्थितियों में पुलिस के लिए चैलेंज भी बढ़े हैं। अपराध के नये तरीके और तकनीक ने वो वक्त ला दिया है, जब पुलिस को तहकीकात के तरीके बदलने पड़ रहे हैं…और अपनी विवेचा में साइंस का समावेश करना है। इन्हीं कड़ियों को जोड़ने के लिए आज राजधानी रायपुर में गुणवत्तापूर्ण अपराध अनुसंधान विषय पर एक सेमिनार आक आयोजन किया गया। रायपुर आईजी प्रदीप गुप्ता, एसएसपी अमरेश मिश्रा सहित क्राइम और इन्वेस्टिगेशन से जुड़े कई नामी लोगों ने आज सेमिनार में शिरकत की। पुलिस अफसरों के लिए आयोजित इस सेमिनार में अपराध के तरीकों के आधार पर इन्वेस्टिगेशन में बदलाव की जरूरत पर बल दिया गया। सेमिनार में इस बात का जिक्र किया गया बदलते वक्त के साथ इन्वेस्टिगेटिव अफसरों को भी अपनी सोच और तरीकों को बदलने की जरूरत है। सेमिनार में एक्सपर्ट ने ये भी बताये कि ना सिर्फ खुद इन्वेस्टिगेशन के तरीके बदलें, बल्कि अपने जूनियर में इन्वेस्टिगेशन के नये स्किल को डेवलप करें..। आज सेमिनार में डिस्ट्रिक्ट जज नीलम चंद सांखला के अलावे एडीजे अब्दुल जाहिर कुरैशी ने एनडीपीएस पर, सीजीएम आनंद प्रकाश दीक्षित, सचिव विधिक सेवा उमेश उपाध्याय, एडीपीओ हनुमंता, स्निग्धा जैन, दीपमाला कश्यप, सतीरा गहरवारा सहित कई एक्सपर्ट के तौर पर मौजूद रहे। इस दौरान SSP अमरेश मिश्रा ने इन्वेस्टिगेशन के तरीकों में चूक और कमियों को लेकर अपने सेशन में एक सूत्र वाक्य बताया, उन्होंने कहा ” Working with idiots kill u”…. इस शब्द का मूल ये था कि अगर अाप लोगों के समूह में काम करते हैं, और अगर समूह होशियार लोगों का ना हुआ, तो फिर ना सिर्फ आप खुद परेशान होंगे, बल्कि अपना काम भी जिम्मेदारी पूर्वक नहीं कर पायेंगे, लिहाजा ना सिर्फ खुद को बेहतर करें, बल्कि अपने जूनियर का भी स्किल डेवलप करें, उन्हें भी काबिल बनायें, उन्हें भी ट्रेनिंग दें, इन्वेस्टिगेशन में साइंस और साइकॉलोजी को जोड़ें, ताकि काम बेहतर हो सके, इन्वेस्टिगेशन बेहतर हो सके। राजधानी में पुलिसिंग के चैलेंज और जगहों की तुलना में काफी ज्यादा है, नये-नये अपराधों से वास्ता होने के साथ-साथ नयी-नयी वारदात की तकनीक यहां देखने को मिलती है। खासकर नये तौर पर आ रहे साइबर क्राइम…लिहाजा राजधानी पुलिस ना सिर्फ अपने पुलिस अफसरों के लिए नये ट्रेनिंग सेशन आयोजित कर रही है, बल्कि हवलदार और ASI के स्तर पर भी ट्रेनिंग प्रोग्राम संचालित करने जा रही है। ताकि निचले स्तर तक के अफसर नयी तकनीक से वाकिफ हो सके और इन्वेस्टिगेशन के मुताबिक अपनी सोच रख सकें।
R.O.NO: D15089/23
R.N.12441/147
रायपुर ।बदलते वक्त के साथ अपराध के तरीके बदले हैं… अपराधियों की आधुनिकता बढ़ी है और वारदात की तकनीक बदली है….! लिहाजा उन बदली परिस्थितियों में पुलिस के लिए चैलेंज भी बढ़े हैं। अपराध के नये तरीके और तकनीक ने वो वक्त ला दिया है, जब पुलिस को तहकीकात के तरीके बदलने पड़ रहे हैं…और अपनी विवेचा में साइंस का समावेश करना है। इन्हीं कड़ियों को जोड़ने के लिए आज राजधानी रायपुर में गुणवत्तापूर्ण अपराध अनुसंधान विषय पर एक सेमिनार आक आयोजन किया गया। रायपुर आईजी प्रदीप गुप्ता, एसएसपी अमरेश मिश्रा सहित क्राइम और इन्वेस्टिगेशन से जुड़े कई नामी लोगों ने आज सेमिनार में शिरकत की। पुलिस अफसरों के लिए आयोजित इस सेमिनार में अपराध के तरीकों के आधार पर इन्वेस्टिगेशन में बदलाव की जरूरत पर बल दिया गया। सेमिनार में इस बात का जिक्र किया गया बदलते वक्त के साथ इन्वेस्टिगेटिव अफसरों को भी अपनी सोच और तरीकों को बदलने की जरूरत है। सेमिनार में एक्सपर्ट ने ये भी बताये कि ना सिर्फ खुद इन्वेस्टिगेशन के तरीके बदलें, बल्कि अपने जूनियर में इन्वेस्टिगेशन के नये स्किल को डेवलप करें..। आज सेमिनार में डिस्ट्रिक्ट जज नीलम चंद सांखला के अलावे एडीजे अब्दुल जाहिर कुरैशी ने एनडीपीएस पर, सीजीएम आनंद प्रकाश दीक्षित, सचिव विधिक सेवा उमेश उपाध्याय, एडीपीओ हनुमंता, स्निग्धा जैन, दीपमाला कश्यप, सतीरा गहरवारा सहित कई एक्सपर्ट के तौर पर मौजूद रहे। इस दौरान SSP अमरेश मिश्रा ने इन्वेस्टिगेशन के तरीकों में चूक और कमियों को लेकर अपने सेशन में एक सूत्र वाक्य बताया, उन्होंने कहा ” Working with idiots kill u”…. इस शब्द का मूल ये था कि अगर अाप लोगों के समूह में काम करते हैं, और अगर समूह होशियार लोगों का ना हुआ, तो फिर ना सिर्फ आप खुद परेशान होंगे, बल्कि अपना काम भी जिम्मेदारी पूर्वक नहीं कर पायेंगे, लिहाजा ना सिर्फ खुद को बेहतर करें, बल्कि अपने जूनियर का भी स्किल डेवलप करें, उन्हें भी काबिल बनायें, उन्हें भी ट्रेनिंग दें, इन्वेस्टिगेशन में साइंस और साइकॉलोजी को जोड़ें, ताकि काम बेहतर हो सके, इन्वेस्टिगेशन बेहतर हो सके। राजधानी में पुलिसिंग के चैलेंज और जगहों की तुलना में काफी ज्यादा है, नये-नये अपराधों से वास्ता होने के साथ-साथ नयी-नयी वारदात की तकनीक यहां देखने को मिलती है। खासकर नये तौर पर आ रहे साइबर क्राइम…लिहाजा राजधानी पुलिस ना सिर्फ अपने पुलिस अफसरों के लिए नये ट्रेनिंग सेशन आयोजित कर रही है, बल्कि हवलदार और ASI के स्तर पर भी ट्रेनिंग प्रोग्राम संचालित करने जा रही है। ताकि निचले स्तर तक के अफसर नयी तकनीक से वाकिफ हो सके और इन्वेस्टिगेशन के मुताबिक अपनी सोच रख सकें।
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