Homeबिलीफकभी लकड़ी और कोयले का काम करता था आसाराम, फिर बना 'बापू'...

कभी लकड़ी और कोयले का काम करता था आसाराम, फिर बना ‘बापू’ और अब ‘रेपिस्ट बाबा’

नई दिल्ली: एक और जहां हमारा देश आधुनिकता की और बढ़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ आज भी बुहत से लोग अंधभक्ति में फंसे हुए हैं। श्रद्धालुओं पर अंधभक्ति की पट्टी ऐसी बंधी है कि वो अपने इन गुरुओं की सच्चाई तक नहीं पहचानते। आज जोधपुर कोर्ट ने आसाराम समेत पांच आरोपियों को दोषी करार दिया है।
बता दें कि आसाराम का परिवार अहमदाबाद में रहता है, लेकिन मूल रुप से वो पाकिस्तान के सिंध में रहते थे। आसाराम का असली नाम असुमल था उमल हरपलानी था। भारत पाकिस्तान के बंटवांरे के बाद उनका परिवार अहमदाबाद आकर बस गया ।जब आसाराम का परिवार पाकिस्तान से अमदाबाद आया तब उनके पिता लकड़ी और कोयले का कारोबार करते थे। जल्द ही आसाराम के सिर से पिता का साया उठ गया। पिता की मौत के बाद आसाराम ने अपना घर संभालने के लिए पढ़ाई छोड़ दी। वह तीसरी कक्षा तक ही पढ़ा। कुछ दिन तक लकड़ी और कोयले का काम किया, लेकिन इस काम में उसका मन नहीं लगा। आसाराम ने महज 15 साल की उम्र में घर छोड़ दिया और भारुच के एक आश्रम में रहने लगे। यहां उसने लीलाशाह नाम के एक स्पिरिचुअल गुरु से दीक्षा ली। इसके बाद ही आसूमल थाऊमल सिरुमलानी का नाम आसाराम पड़ा। उनकी शादी लक्ष्मी नाम की लड़की से तय हुई थी। शादी के 8 दिन पहले ही वो घर छोड़कर भाग गए।
आसाराम के संत बनने के बाद लाखों लोग उनके अनुयायी बने। आम जनता से लेकर वीवीआईपी तक आसाराम के भक्त रहे। कई बड़े नेता उनके अनुयायी रहे। साल 2016 जून में आयकर विभाग ने आसाराम की 2300 करोड़ रुपए से अधिक संपत्ति के बारे में खुलासा किया था। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि उनकी 400 ट्रस्ट है, जिसकी मदद से वो अपनी पूरे कारोबार पर नजर रखते हैं।आसाराम पर पीड़िता ने जब यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे तब वह छिंदवाड़ा आश्रम के कन्या छात्रावास में 12वीं कक्षा में पढ़ती थी। 7 अगस्त 2013 को पीड़िता के पिता के पास छिंदवाड़ा आश्रम से फोन आया कि उनकी बेटी बीमार है। पीड़िता के पिता वहां पहुंचे तो उन्हे बताया गया कि उनकी बेटी पर भूत-प्रेत का साया है, जिसे सिर्फ आसाराम ही ठीक कर सकते हैं। पीड़िता के माता-पिता अपनी बेटी के साथ 14 अगस्त को आसाराम से मिलने जोधपुर आश्रम में पहुंचे। अगले दिन 15 अगस्त को आसाराम पे 16 साल की पीड़िता को अपनी कुटिया में बुलाया और उसके साथ 1 घंटे तक यौन उत्पीड़न किया। पीड़िता ने मामले की जानकारी अपने माता-पिता को दी तो उन्होंने 20 अगस्त 2013 को दिल्ली के कमलानगर पुलिस थाने में रात 2 बजे एफआरआर दर्ज कराई।
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नई दिल्ली: एक और जहां हमारा देश आधुनिकता की और बढ़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ आज भी बुहत से लोग अंधभक्ति में फंसे हुए हैं। श्रद्धालुओं पर अंधभक्ति की पट्टी ऐसी बंधी है कि वो अपने इन गुरुओं की सच्चाई तक नहीं पहचानते। आज जोधपुर कोर्ट ने आसाराम समेत पांच आरोपियों को दोषी करार दिया है। बता दें कि आसाराम का परिवार अहमदाबाद में रहता है, लेकिन मूल रुप से वो पाकिस्तान के सिंध में रहते थे। आसाराम का असली नाम असुमल था उमल हरपलानी था। भारत पाकिस्तान के बंटवांरे के बाद उनका परिवार अहमदाबाद आकर बस गया ।जब आसाराम का परिवार पाकिस्तान से अमदाबाद आया तब उनके पिता लकड़ी और कोयले का कारोबार करते थे। जल्द ही आसाराम के सिर से पिता का साया उठ गया। पिता की मौत के बाद आसाराम ने अपना घर संभालने के लिए पढ़ाई छोड़ दी। वह तीसरी कक्षा तक ही पढ़ा। कुछ दिन तक लकड़ी और कोयले का काम किया, लेकिन इस काम में उसका मन नहीं लगा। आसाराम ने महज 15 साल की उम्र में घर छोड़ दिया और भारुच के एक आश्रम में रहने लगे। यहां उसने लीलाशाह नाम के एक स्पिरिचुअल गुरु से दीक्षा ली। इसके बाद ही आसूमल थाऊमल सिरुमलानी का नाम आसाराम पड़ा। उनकी शादी लक्ष्मी नाम की लड़की से तय हुई थी। शादी के 8 दिन पहले ही वो घर छोड़कर भाग गए। आसाराम के संत बनने के बाद लाखों लोग उनके अनुयायी बने। आम जनता से लेकर वीवीआईपी तक आसाराम के भक्त रहे। कई बड़े नेता उनके अनुयायी रहे। साल 2016 जून में आयकर विभाग ने आसाराम की 2300 करोड़ रुपए से अधिक संपत्ति के बारे में खुलासा किया था। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि उनकी 400 ट्रस्ट है, जिसकी मदद से वो अपनी पूरे कारोबार पर नजर रखते हैं।आसाराम पर पीड़िता ने जब यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे तब वह छिंदवाड़ा आश्रम के कन्या छात्रावास में 12वीं कक्षा में पढ़ती थी। 7 अगस्त 2013 को पीड़िता के पिता के पास छिंदवाड़ा आश्रम से फोन आया कि उनकी बेटी बीमार है। पीड़िता के पिता वहां पहुंचे तो उन्हे बताया गया कि उनकी बेटी पर भूत-प्रेत का साया है, जिसे सिर्फ आसाराम ही ठीक कर सकते हैं। पीड़िता के माता-पिता अपनी बेटी के साथ 14 अगस्त को आसाराम से मिलने जोधपुर आश्रम में पहुंचे। अगले दिन 15 अगस्त को आसाराम पे 16 साल की पीड़िता को अपनी कुटिया में बुलाया और उसके साथ 1 घंटे तक यौन उत्पीड़न किया। पीड़िता ने मामले की जानकारी अपने माता-पिता को दी तो उन्होंने 20 अगस्त 2013 को दिल्ली के कमलानगर पुलिस थाने में रात 2 बजे एफआरआर दर्ज कराई।