भोपाल
नगर निगम के अधिकतर आला अधिकारी सुबह की पहली शिफ्ट में दफ्तर से नदारद रहते हैं। निगम आयुक्त से लेकर कार्यपालन यंत्री सब अपनी मनमर्जी से कार्यालय आते-जाते हैं। कुछ अफसर ऐसे भी हैं जिनका चेहरा तक लोगों ने नहीं देखा। माता मंदिर स्थित निगम मुख्यालय, शाहपुरा स्थित भवन अनुज्ञा शाखा और सभी जोन कार्यालयों में अफसरों यह आदत लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। आपको जानकर हैरत होगी कि निगम के आला अधिकाारियों का कार्यालय आने का यह रवैया काफी पुराना है। कुछ एक अफसर दफ्तर लंच के बाद ही पहुंचते हैं और चेहरा दिखने की रस्मदायगी करके गायब हो जाते हैं। निगम कार्यालयों में लंच के बाद ही असली कामकाज शुरू होता है।
प्रशासक कवींद्र कियावत, निगम आयुक्त वीएस चौधरी कोलसानी, अपर आयुक्त पवन कुमार सिंह, अपर आयुक्त एजे इक्का, उपायुक्त हर्षित तिवारी, विनोद कुमार शुक्ला, सहायक आयुक्त विजय तिवारी, मुख्य नगर निवेषक विजय सवालकर, अधीक्षण यंत्री पीके जैन, सिटी इंजीनियर ओपी भारद्वाज, पूर्व प्रभारी अधीक्षण यंत्री एआर पवार, स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संध्या नायर, कार्यपालन यंत्री आरके सक्सेना आदि कार्यालय से अक्सर गायब रहते हैं। बीच में चेहरा दिखाकर रस्मदायगी करके दिनभर के लिए गायब हो जाते हैं।
नगर निगम आयुक्त वीएस चौधरी कोलसानी कार्यालय से अक्सर नदारद रहते हैं। अपर आयुक्त एजे इक्का घर से काम करते हैं, कार्यालय नहीं जाते। इनका काम अमित मैथ्यू और एक दैवेभो कर्मचारी करता है। अपर आयुक्त पवन कुमार सिंह को 2 आॅफिस मिले हैं। इसलिए यह कब कहां बैठते हैं, इसकी जानकारी किसी को नहीं रहती। उपायुक्त विनोद कुमार शुक्ला नगरीय प्रशासन आॅफिस और मीटिंग में बिजी रहने के कारण कार्यालय से नदारद रहते हैं।
उपायुक्त हर्षित तिवारी सुबह पहली शिफ्ट में कहां रहते पता नहीं, लेकिन सेकेंड हाफ में सीट पर बैठते हैं। पूर्व अधीक्षण यंत्री सविंदा कर्मी एआर पवार सुबह यह भी गायब रहते हैं, लेकिन लंच के बाद कार्यालय पहुंचते हैं। कार्यपालन यंत्री आरके सक्सेना दिनभर गायब रहते हैं और फोन नहीं उठाते। स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संध्या नायर कार्यालय से नदारद रहती है।